नई दिल्ली: कोरोना से निपटने के लिए जहां राज्य सरकारें कई तरह के उपाय कर रही हैं, वहीं केंद्र सरकार ने उन्हें एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि कोरोना का संक्रमण कम करने के लिए वे पूरे राज्य में लाकडाउन न लगाएं। इसके बदले जिलों में और जहां पर दूसरी लहर का असर ज्यादा है, वहां प्रतिबंधात्मक उपाय करें।
इसके अलावा भीड़भाड़, बाजार खोलने, दफ्तर, स्कूल और विश्वविद्यालयों के संचालन पर रोक लगाने को कहा गया है। राज्यों से कहा गया है कि 31 मई तक अपने आकलन के आधार पर टेस्टिंग और ट्रेसिंग करें। गृह मंत्रालय ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर और जिन स्थानों पर कोरोना संक्रमण दर पिछले एक सप्ताह से 10 प्रतिशत से ज्यादा रही है, वहां ध्यान देकर प्रतिबंधात्मक उपाय लागू करें। अप्रैल में कोरोना के मामलों और मृतकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने ताजा दिशा-निर्देश में इससे निपटने की रणनीति राज्यों से खुद अपने स्तर पर बनाने को कहा है।
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने घर से काम करने को बढ़ावा देने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि सभी जिलाधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वे राज्य सरकार के प्रतिबंधात्मक उपायों और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने और राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक खेल और मनोरंजन के उद्देश्य से लोगों की भीड़ एकत्रित नहीं होने देने के लिए कहा था। इसके अलावा विवाह में 50 लोग और अंतिम संस्कार में 20 लोगों से ज्यादा लोगों को उपस्थित नहीं होने देने के लिए कहा गया था। शापिंग कांप्लेक्स, सिनेमा हाल, जिम, स्पा आदि बंद कर देने के लिए कहा गया था।
सार्वजनिक परिवहन में 50 प्रतिशत यात्रियों को यात्रा की इजाजत दी गई थी। सरकारी और निजी दफ्तरों में भी 50 प्रतिशत उपस्थिति का प्रविधान किया गया था। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा था कि ये सांकेतिक निर्देश हैं। राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्थानीय परिस्थितियों का सावधानीपूर्वक आकलन करने के बाद ही फैसला लेना चाहिए।
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