हम सभी जानते हैं कि भारत ऋषि मुनियों का देश है. यहां एक से बढ़कर एक प्रतापी साधु-संतों ने जन्म लिया है और अपने ज्ञान प्रकाश से पूरे संसार को प्रकाशित किया है. आज हम आपको एक ऐसे ही साधु से मिलवाएंगे जो इस कलयुग में भी सतयुग का एहसास करवा रहे हैं. इनके जैसे संत इस कलयुग में बिरले ही कभी मिलते हैं. जिस संत की हम बात कर रहे हैं उनका नाम फलाहारी बाबा है और उन्होंने पिछले 28 साल से अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं किया है. साथ ही अब तक 93 यज्ञ करा चुके है. इन दिनों सारण में फलाहारी बाबा की खूब चर्चा हो रही है.
फलाहारी बाबा का जैसा नाम है वैसा काम भी है. मतलब ये सिर्फ नाम से ही फलाहारी नहीं है बल्कि कर्म से भी फलाहारी है. फलाहारी बाबा ने बताया कि पिछले 28 साल से अन्न का एक भी दाना नहीं खाया है. उन्होंने बताया कि सिर्फ फलाहार खाकर ही जीवित रहते हैं. फलाहार में भी सारे फल नहीं खाते हैं. उन्होंने बताया कि वो फलाहार में सिर्फ आलू और दूध का ही सेवन करते हैं. इसके पीछे का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि जगत के कल्याण के लिए वो परमात्मा की भक्ति में लीन रहते हैं. अपने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए वो पूरे तन मन से लगे रहते हैं.
108 यज्ञ करवाने का लिया है संकल्प
फलाहारी बाबा ने बातचीत के क्रम में बताया कि अब तक के जीवन काल में 93 यज्ञ करवा चुके हैं. उन्होंने बताया कि जीवन में 108 यज्ञ करवाने का संकल्प लिया है. अगर परमात्मा ने चाहा तो 108 यज्ञ करवाने में जरूर सफल होंगे. आपको बता दें कि फलाहारी बाबा मूल रूप से व्रज के रहने वाले हैं. फिलहाल सारण में उनकी खूब वाहवाही हो रही है. लोग उनकी कुटिया पर पहुंचकर उनका आशीर्वाद लें रहे हैं.
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